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Saturday, 2 June 2018

Time Management for student in hindi

समय प्रबन्धन Time Management 

दोस्तों,, आज मैं समय प्रबंधन के बारे में बात करूँगा तो रीडर्स time management एक ऐसी आवश्यक कला है, जो हर व्यक्ति के जीवन में संतुलन बनाये रखने के लिए बहुत आवश्यक है | क्योकि जिसने समय की कद्र कर ली वह जीवन में कभी भी हार नही सकता जीवन में सफल होने के लिए समय की कीमत को पहचाने के मतलब है की समय का अधिकतम उपयोग |

नमस्कार दोस्तों मैं Ashwini स्वागत करता हूँ एक बार फिर से आप सभी readers का ssकीkb.com पर जहाँ आपको all in-1 hindi knowladge मिलेगी |




दोस्तों,, यह एक सत्य है की किसी भी बड़ी से बड़ी सफलता को प्राप्त करने में समय प्रबंधन की अहम् भूमिका होती है फिर चाहे वह कोई भी हो , students के लिए या उन students के लिए जो खुद को किसी परीक्षा में topper बनाने की दृढ इक्छाशक्ति रखते है, time management निश्चित ही बहुत महत्वपूर्ण है |

दोस्तों,, time management का सीधा सा मतलब है की मिले गये समय का निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक सही उपयोग किया जाना चाहिए | वर्तमान समय के युग में students के पास समय की बहुत कमी होती है, और जिसका कारन यह है की students को अलग-अलग subject की तय्यारी करनी होती है, ट्यूशन या कोचिग में भी समय देना होता है | जो students स्कुल-कॉलेज की परीक्षा के साथ-साथ किसी प्रतियोगिता या प्रतियोगिता परीक्षा for example,,  IIT, JEE, MBA, CA, IAS या और भी किसी परीक्षा में बैठ रहे है, तो उनके लिए time management की तकनीक की जानकारी रहना बहुत आवश्यक हो जाता है | 
दोस्तों time management एक ऐसी कला है, जो हर व्यक्ति के जीवन में संतुलन बनाये रखने के लिय बहुत ही आवश्यक है | और समय का सही तरीके से उपयोग किया जाये, साथ सही कामो के लिए किया जाये ना की समय को व्यर्थ गवाए, क्योकि एक बार जो समय बीत जाता है तो फिर वह कभी वापस नही आ सकता है |

समय और प्राथमिकताओं के बारे में पहले कौन सा कम करे |

दोस्तों अपने समय को कैसे सुनियोजित करे, इसके लिए मैं आपको एक story सुनाता हूँ,

दोस्तों एक बार एक time management के विशेषज्ञ MBA के students को पढ़ा रहे थे | और क्लास में करीब 25-30 students थे जिनमे से कुछ लड़के और कुछ लड़कियां | प्रोफेसर चाहते थे की आज की क्लास को यह बात इतनी अच्छी तरीके से समझाया जाये की students इसे life में कभी ना भूले, तो इस लिए उस दिन का प्रशिक्षण उन्होंने एक प्रयोग को दिखा कर शुरू किया |
आज की पढाई हम एक छोटे से व्यावहारिक practical के जरिये से शुरू करते है, यह कहते हुए उन्होंने टेबले पर शिसे कर जार रख दिया | यह जार खुले और बड़े मुह वाला था, करीब चार-पाच लीटर का | उसे टेबल पर ऐसे रखा ताकि सभी students उसे अच्छी तरह से देख सके, फिर उन्होंने एक बैग निकाला, जिसमे पत्थर के टुकड़े भरे हुए थे | छोटे-छोटे साइज़ के, पत्थर के टुकड़े ऐसे थे जैसे की मोटी गिट्टी होती है, उन्होंने पत्थर के टुकड़े सावधानी के साथ उस जार में भर दिए, जब उनमे और पत्थर नही आ सके, तो उन्होंने क्लास के students से question किया, क्या यह जार भर गया ?

तो सभी ने जोर से चिल्ला कर हाँ में आवाज दिया |


तो अच्छा, चलो देखते है यह कह कर उन्होंने टेवल के निचे से एक बाल्टी निकली, जिसमे छोटी गिट्टी भरी थी, उन्होंने गिट्टी उस जार में उड़ेली और थोडा हिलया | अब उन्होंने जार को गिट्टी से भर दिया | अब वह थोड़ा सा मुस्कुराए और क्लास से फिर पूछा , क्या जार भर गया ?

और इस बार सभी students चुप रहे, वे समझ गये की इसमें प्रोफ़ेसर की चाल है, एक students धीरे से बोला शायद नही | बहुत अच्छे कहते हुए वे फिर से टेबल के निचे झुके और एक और छोटी सी बाल्टी निकली, रेत भरी थी, उन्होंने उस जार में रेत भरना शुरू किया , गिट्टी के छोटे पत्थर और बड़े पत्थर के बिच में जो खली स्थान था, वह रेत से भर दिया |

और एक बार फिर से उन्होंने वही प्रश्न पूछा "क्या यह जार भर गया" 

फिर पूरी क्लास जोर से चिल्ला पड़ी "नही" क्योकि अब उनको समझ में आ गया था की क्या हो रहा है |बहुत खूब, यह कह कर प्रोफेसर ने पानी का जग उठाया और उस जार को पानी से पूरा भर दिया | 
हाँ तो यह बताओ की इस प्रयोग से क्या सिखा और हमें क्या सिख मिलती है ?" उन्होंने उन्होंने students की ओर देखकर question किया, 
एक तेज लड़का था उसने बड़ी उत्सुकता से हट उठाया और बोला, चाहे हम कितने व्यस्त हो, कोशिश करने से अपनी दिनचर्या में और अधिक काम कर सकते है |"
 नही गलत, बिलकुल गलत ! भरना ही अगर उद्देश्य होता, तो पूरा जार रेत से ही भरा जा सकता था | या पानी से" विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर ने जोर से कहा नही,, इस प्रयोग का यह उद्देश्य बिलकुल नही है |" सारी क्लास सन्न रह गयी एकदम चुप्पी छा गयी, इसका और का प्रयोजन हो सकता है ?
एक इनत तक प्रोफ़ेसर चूप रहे, और फिर मुस्कुराते हुए बोले यह परीक्षण हमें एक बहुत बड़ी सच्चाई सिखाता है, की आप अगर बड़े पत्थर पहले नही डालोगे, तो उन्हें कभी भी नही डाल पाओगे | रेट तो बाद में भी डाली जा सकती है, लेकिन अगर जार को पहले से भर दिया, जाये तो उसमे बड़े पत्थर नही आ सकते इसलिए बड़े पत्थर पहले की डालने होते है |
महत्वपूर्ण, उपयोगी और आवश्यक काम आपको पहले करने होंगे, नही तो आप उन्हें कभी नही कर पाओगे, बड़े पत्थर पहले ही डालने होते है | छोटे-छोटे टुकड़े तो बाद में भी डाले जा सकते है, अगर आपने अपना समय अनावश्यक और अनुपयोगी कामो में लगा दिया, तो आप के पास उपयोगी कामो के लिए कोई समय नही बच पायेगा |
तो दोस्तों हमें बड़े पत्थरों को पहचानना है | बड़े पत्थर हमारी प्राथमिकताएं है ये प्राथमिकताएं हमारे लक्ष्य पर निर्भर करती है, बगैर लक्ष्य के हम अपनी प्राथमिकताओ को निर्धारित नही कर सकते, इसलिए बगैर लक्ष्य के कोई प्राप्ति नही हो सकती है | सुनिश्चित श्रम तभी हो सकता है, जब आपका लक्ष्य सुनिश्चित होता है | आपकी सफलता आपके लक्ष्य के साथ जुड़ी हुयी है, जिसका लक्ष्य निश्चित होता है |वही अपनी प्राथमिकताओ को जान सकता है फिर वह बड़े पत्थर पहले डालता है | जो बड़े पत्थर पहले डालता है, उसके पास समय की कोई कमी नही रह जाती | वह समय के उचित नियोजन में सफल रहता है |

दोस्तों यह कहानी जीवन में सफलता के लिए संकल्प students के लिए बहुत महत्वपूर्ण है | यह कहानी आपको अपनी प्राथमिकताओ को जन्न और अपने लक्ष्य के अनुरूप उनको कार्यान्वित करने के लिए प्रेरित करती है | आपकी सफलता के बारे में समय के उचित प्रबन्धन के लिए यह एक व्यावहारिक मार्गदर्शक है |

तो दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताये, और पसंदआया हो तो please इसे   आप share करे | और भी ऐसी जानकारी के लिए आप हमारे ब्लॉग को subscribe करले ताकि आने वाली update की जानकारी आपको सबसे पहले मिलेगी  |

धन्यवाद,

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