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Sunday, 17 June 2018

students आत्महत्या / suicide क्यों ? करते है

students आत्महत्या क्यों ? करते है 

दोस्तों,, आज मैं बात करूँगा की जो students आत्महत्या करते है इसका करना क्या, कौन लेता है इन मासूमो की जाने इन युवाओं को कौन उकसाता है, कौन मजबूर करता है इनको आत्महत्या करने को ? अभिवावक, स्कुल, सफलता, ज्ञान व बुद्धिमता का हमारा मापदंड ?




नमस्कार दोस्तों मैं Ashwini स्वागत करता हूँ एक बार फिर से आप सभी रीडर्स का SSकीKB.COM पर जहाँ आपको all in-1 hindi में knowladge मिलेगी,,

दोस्तों लाइफ में exam के बहुत मौके आयेंगे जिनका आपको पुरे जोश और साहस से सामना करना होगा | अगर आपने ईमानदारी से काम किया और खुद पे विश्वास रखा तो आप ऐसे इम्तिहान में यक़ीनन सफल होंगे, आप मेरी बात पर यकीं करें और अपने जीवन के इम्तिहान में सफलता हासिल करे |चीफ जस्टिस ने अपनी बात के समर्थन में विख्यात इतिहासकार अर्नाल्ड टायनबी के एक कथन में उल्लेख किया की " ज्यादा नंबर लाने से कोई व्यक्ति सफल नही बन जाता" उन्होंने कहा की महज 20-21 साल की उम्र के किसी व्यक्ति को पहले या दुसरे दर्जे का करार देना सरासर बेवकूफी और गलत है |

कुछ लोग धीमी शुरुआत करके जीवन के बाद के दौर में सफल होते है जबकि कुछ अच्छी शुरुआत करके भी बाद में असफल हो जाते है कुछ जादा नही कर पाते |

आत्महत्या क्यों ?

दोस्तों, बोर्ड या किसी और परीक्षा के नतीजे में अच्छे प्रतिशत का आना सुनहरे भविष्य और प्रतिष्ठा की बात है | फिर अभिभावकों के मान-सम्मान की भी तो बात है, खुद अपने आप से कैसे नजरे मिलायेंगे दोस्तों के बिच कैसी किरकिरी हो जाएगी ? सबसे बड़ी बात की "लोग क्या कहेंगे ?

exam result आने के बाद newspaper में अलग-अलग तरह के समाचार देखने को मिलता है |

For example: एक स्टूडेंट दसवीं की परीक्षा में फेल होने से अपने पिता की बन्दुक से खुद को गोली मार ली |
एक student बारहवी का result देखने गया था और घर नही लौटा |

ये सब क्या परीक्षा हमारे शब्दकोश में एक नकारात्मक शब्द बन गया है, ज्ञान को देखने के बजाय यह प्रतिशत के आधार पर खड़ा दिखाई देता है | हर साल बोर्ड परीक्षाओ के दौरान और नतीजो के बाद कई students आत्महत्या कर लेते है क्यों ? इस प्रतिस्पर्धा के दौर में हर students मेहनत करता है और बहुत से छात्र खुद को मैरिट में लेन के लिए जी-जान लगा देते है, यह पिछले कुछ समय से ही हो रहा है की प्रमुख परीक्षाओ दसवी-बारहवी के result टीवी पर खबर बनते दिखाई देते है | सफलता के क्रम में ऊपर रहे बच्चो के इंटरव्यू दिखाए जाते है ऐसे में हर students के मन में सफलता का चाह रहता है और सफलता भी छोटो-मोती नही बल्कि सफलता में सर्वोच रहने का ख्वाव | और जब यह ख्वाव टूटता है, तो कई students इसे जीवन का अंतिम सच मान कर, मौत को गले लगा लेते है, बगैर सोचे-समझे अपने जीवन का अंत कर लेते है | 

students दुवारा की जा रही एक प्रकार की आ त्महत्या के लिए ना केवल अभिभावक बल्कि students के जीवन से जुड़े कई पहलु और अन्य लोग भी जिम्मेदार है |

अभिभावक समझे 

दोस्तों,, एक जानी मानी कैरियर काउंसल के मुताबिक अक्सर अभिभावक अपने बच्चो को सामाजिक दबाव के चलते डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहते है | आज के माता-पिता अपने बच्चो को स्कूल/collage में admission कराते ही उनका भविष्य तय कर लेते है की मेरा बेटा या बेटी engineer, doctor ही बनेगा लगता है जैसे की school/ collage में पढाई नाकरायी जा रही हो बल्कि कोई engineer या doctor बनने की factory हो |

अपने आँखों में बड़े-बड़े खवाब लिए पेरंट्स की करियर बनाने के लिए शारीरिक, मानसिक, परेशानियों से जूझना पड़ता है, और ऐसे में अगर बच्चा fail हो जाये या कम नंबर आ जाये तो बच्चा students परेशान हो जाता है क्योकि वो अपने ऊपर अपने माता-पिता की बड़ी-बड़ी उम्मीदों का बोझ लाधे हुआ है, और ऐसे में students अपनी असफलताओ को सह नही पता है और अपनी कमजोर मानसिक स्थिति के कारण आत्महत्या कैसे कार्य को अंजाम देता है , और म्नोविशेषज्ञ इसके लिए आस-पास के माहौल को भी बहुत हद तक जिम्मेदार मानते है | जिसमे की parents अहम् है क्योकि कुछ क्या जादातर parents अपने बच्चे को अपने मन पसंद का subject choose करने की छुट "आजादी" नही देते है वो बच्चे को वही subject दिलाते है जो उन्हें खुद को अच्छा लगता है चाहे बच्चे वो subject पढने को समझने को तैयार हो या ना हो कोई फर्क नही पड़ता और फिर जब बच्चा fail हो जाता है या फिर अच्छा marks नही ला पाते है तो parents केवल उन्हें ही दोष देते है | और बच्चो को अपनी असफलता के लिए पूरा जिम्मेदार ठहराते है, और वो इस दुःख से खुद को बहुत अकेला महसूस करता है | और इस अकेलेपन की स्थिति में वह आत्महत्या करने को प्रेरित हो जाता है, परेट्स के लिए सलाह है की बच्चो के असफल होने पर उनके साथ अच्छे से पेस आये दोस्तों जैसे व्यवहार करे, क्योकि हर बच्चा अपना पूरा प्रयास करता है अच्छे से अच्छे marks लाने का | मनोवैज्ञानिको का यह भी मानना है की उसके किसी भी दोस्तों से या किसी से भी उसकी तुलना नही करनी चाहिए ऐसा उदहारण देने से वह अपने दोस्तों से खुद को कमजोर समझता है जिसके कारण निराशा उसे घेर लेती है दोस्तो एक बात हमेशा ध्यान में रखे की किसी students या किसी बच्चे को exam में कितने प्रतिशत marks आये इससे किसी के ज्ञान/बुद्धिमता का पता नही लगाया जा सकता है और पेरंट्स से request करता हूँ की आप अपने बच्चो को पूरा support करे fail हो जाये या कम अंक लाये तो आप उसे हमेशा प्रोत्साहित करे | क्योकि कुछ ही सालो बाद किसी को यह जानने में कोई इंटरेस्ट नही होता है किस वह किस school और किस exam में उसने कितने percent marksलाये थे |

Teachers को भी इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए समझना चाहिए

दोस्तों class में सफलता के मापदंड बताते समय छात्रों की मन की स्थिति को समझे | जरुरी नहीं है जो students class में अच्छे अंक लाते है वही life में success होंगे | किसको कितना marks आया इसके जरिये किसी को सफल या असफल नही कहा जा सकता है, और अच्छे marks लाने वाले students की प्रशंसा अन्य students में हीनता कि भावना पैदा करती है यह बात teachers को ध्यान में रखना चाहिए | तथा कम अंक लाने वाले students को आने वाले कल के लिए अच्छा करने के लिए हमेशा motivate करना चाहिए ताकि उसका आत्मविश्वास बढे खुद को किसी के कम ना समझे |

रिश्तेदार में देखा जाता है 

जादातर घरो में यह देखा जाता है की रिश्तेदार और परिवार के लोग बच्चो से खाने खाते वक्त सवाल करने लगते है की exam का क्या ? हुआ कितने marks आये इसमें इतने कम अंक कैसे ? आये पढाई में ध्यान नही देते हो, यह कोई तरीका नही बच्चो के बारे में जानकारी करने का ऐसे में parents तथा परिवार के लोगो को समझना चाहिए उन्हें थोडा वक्त दे उन्हें भी चिंता होती है | हमेशा एक बात को लेकर या बात-बात पर परीक्षा का जोर देकर उसे सफलता का पाठ नही पढाया जा सकता है और अपने ही लोगो के ऐसे बर्ताव से बच्चे का मनोबल टूट जाता है |

students भी ध्यान दे 

दोस्तों exam में आये कम या जादा marks का सबसे अधिक असर "students" आप पर ही पड़ता है, लेकिन  इस बात को हमेशा ध्यान में रखे की किसी exam में fail हो जाने से या जादा marks ना ला पाने से आप life में कभी आगे नही बाद सकते या सफल नही हो सकते है यह सोचना गलत आप अपने काम को पुरे जूनून के साथ करे लगन और कड़ी मेहनत करे और जो भी करे पुरे मन से करे फिर भी अगर आप असफल हो जाते है तो कोई बात नही निराश मत होना क्योकि कभी कभी गुच्छे की आखरी चाभी भी ताला खोल देती है और भी बहुत से रास्ते है जिनमे आप सफल हो सकते है, हो सकता है की आपका इंटरेस्ट किसी और फिल्ड में हो और आप उसमे सफल हो जाये दोस्तों,,  बहुत से ऐसे students है जो स्कूल collage में जादा कुछ नही कर पाते है लेकिन लाइफ में सफलता के बुलंदियों को छु जाते है और उन्हें प्रेरणा का स्त्रोत माना जाता है |

हार ना माने 

दोस्तों,, दुनिया आपको उस वक्त तक नही हरा सकती है
जब तक की आप खुद हार ना मान लो  |

दोस्तों,, यह बात सच है की आज के time में competition बहुत है जिसके कारण छोटी से छोटी असफलता का भी बहुत negative प्रभाव पड़ता है, ऐसे में हमारा मन दिमाग हिल जाता है जिससे कुछ तो असफलता के कारण सदमे में भी चले जाते है कुछ समझ नही आता है अब क्या करे | फिर पूरी लाइफ ही बदल जाती है | ऐसे में parents को अपने बच्चो का हिम्मत बढ़ाना चाहिए अच्छे माहौल के द्वारा उसे निराशा, डर, शर्म ,और पीड़ा से बहार निकलने में उसकी सहायता करे, प्यार से उससे बात करे उसके असफल होने का कारणों का पता लगाये देखे की कहा सुधार करने की जरुरत है यह भी पता चल जाएगा | ऐसे में बच्चा सिर्फ आगे की पढाई ही नहीं बल्कि पूरी जिंदगी को एक सही दिशा में ले गायेगा |

तो दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताये, और पसंदआया हो तो please इसे   आप share करे | और भी ऐसी जानकारी के लिए आप हमारे ब्लॉग को subscribe करले ताकि आने वाली update की जानकारी आपको सबसे पहले मिलेगी  |

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