14 वर्षीय सुहास गोपीनाथ की सफलता की कहानी विश्व का सबसे कम उम्र का CEO
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सुहास गोपीनाथ कैसे बना world youngest seo तो दोस्तो आइये जानते सुरु से ।
दोस्तो अगर किसी व्यक्ति में एक ज्वलंत इच्छा और दृढ विश्वास हो तो उसके लिए दुनियाँ का कोई भी काम मुश्किल नहीं। इसकी सबसे बड़ी मिसाल है कर्णाटक के सुहास गोपीनाथ की जो की आज विश्व के सबसे छोटे CEO बने साथ ही ये भारत के बिल गेट्स के नाम से भी मशहूर हैं। सुहास बिल गेट्स को ही अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते हैं। सुहास के पिता भारतीय सेना में वैज्ञानिक थे। बचपन से ही इन्हें कंप्यूटर के प्रति गहरी रूचि थी। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण साइबर कैफ़े में ही वेब डिजाइनिंग का पूरा अभ्यास किया। और बड़ी जल्दी वे। एक फ्री लांसर वेब डिज़ाइनर बन गए। इनकी इस खूबी के कारण कई कंपनियां इन्हें अपने साथ काम करने का प्रस्ताव लाने लगीं लेकिन वे हमेशा ही इन प्रस्तावों को । ठुकराते रहे क्योंकि ये अपनी ही कंपनी बनाना चाहते थे।
दोस्तो जिस उम्र में आज के युवा फिल्म देखने, फेसबुक पर चैटिंग और वाट्सअप पर मैसेज भेजने में व्यस्त रहते हैं।
उस उम्र में सुहास गोपीनाथ ने अपनी एक कम्पनी Global Inc बंगलुरु के एक साइबर कैफे में बैठकर बनाई। उसे नहीं पता था कि वह विश्व का सबसे कम उम्र का CEO बनने जा रहा है। आज उसकी कम्पनी का टर्नओवर कई लाख डॉलर्स में है और उसका ऑफिस, अमेरिका, भारत, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर एवं मिडिल ईस्ट में है। 100 कर्मचारी भारत में एवं 56 कर्मचारी विदेशों में कार्य कर रहे हैं।
दोस्तो वर्ष 2007 में उसे Young Achiever Award, 2005 और कर्नाटक सरकार द्वारा राज्योत्सव अवार्ड के अतिरिक्त बहुत सारे अवार्ड मिल चुके हैं। सबसे प्रमुख सम्मान नवम्बर, 2008 में उसे वर्ल्ड बैंक की ICT Advisory Council Board के सदस्य के रूप में नामित करना रहा।
दोस्तो सुहास का जन्म 4 नवम्बर, 1986 को बंगलुरु के एक मध्यम परिवार में हुआ। मध्यमवर्गीय परिवार में सामान्यतया इस उम्र में बच्चों को कोई भी कार्य या व्यवसाय करने से मना किया जाता है, उसे प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। लेकिन सुहास ने इन सब परेशानियों से हटकर अपनी राह बनाई। वह शुरू से ही बहुत मेधावी था और हमेशा कुछ-न -कुछ नया करते रहने में ही लगा रहता था। दोस्तो सुहास गोपीनाथ, उन युवा के लिए, शानदार प्रेरणा का स्त्रोत है, जो इस उम्र को अनावश्यक कार्यों में बर्बाद करते हैं और समय को व्यर्थ करते हैं। आशा है आज के युवा, सुहास गोपीनाथ से प्रेरणा लेकर कुछ शानदार सकारात्मक कार्य कर पाने में सफल हों ।
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