सकारात्मक सोच (POSITIVE THINKING) के बिना आपकी जिंदगी अधूरी है / सकारात्मक सोच की ताकत से घोर अंधकार को भी आशा की किरणों (LIGHTS OF HOPE )में बदला जा सकता है / आपके विचारों पर आपका स्वयं का नियंत्रण होता है / इसलिए यह आपको ही तय करना होता है , की आप सकारात्मक सोचते हो या नकारात्मक |
हर विचार एक बिज की तरह होता है - EVERY THOUGHT IS A SEED !
आपके पास दो तरह के बिज होते है सकारात्मक विचार ( POSITIVE THOUGHTS ) और नकारात्मक विचार ( NEGATIVE THOUGHTS ) जो आगे चलकर आपके दृष्टिकोण और वयवहार रूपी पेड़ का निर्माण करता है / आप जैसा सोचते हो वैसा बन जाते हो / ( WHAT WE THINK WE BECOME ) इस लिए कहा जाता है की जैसे आपके विचार होगे वैसा ही आपका आचरण होगा /
तो readers यह आप पर निर्भर करता है की आप अपने दिमाग रूपी जमीन में कोनसा बिज बौते हो / थोड़ी सी चेतना और सावधानी से आप काटेदार पेड़ को महकते फूलो के पेड़ में बदल सकते हो /
POSITIVE THINK पर आधारित ये MOTIVATIONAL कहानी उन सभी READERS के लिए है जिन लोगो ने न कही सुना है न READ किया है /
यह कहानी DEWID और GOLIYATH की है /
बाइबिल की एक कहानी काफी प्रसिद्ध है / एक गॉव में गोलियथ नाम का एक राक्षस था / उससे हर व्यक्ति डरता था और परेशा था / एक डेविड नाम का लड़का उसी गॉव में आया जहाँ लोग राक्षस से भयभीत थे /
डेविड ने लोगो से कहा की आप लोग इस राक्षस से लड़ते क्यों नही हो ?
तब लोगो ने कहा - "वो इतना बड़ा है की उसे मारा नही जा सकता ''
डेविड ने कहा -"आप ठीक कह रहे हो की वह राक्षस बहुत बड़ा है / लेकिन बात ये नही की बड़ा होने के कारण उसे मारा नही जा सकता बल्कि हकीकत तो ये है की वह इतना बड़ा है की उस राक्षस पे लगाया गया निशाना चुक ही नही सकता /
फिर डेविड ने उस राक्षस को गुलेल से मार दिया , राक्षस वही था , लेकिन डेविड की सोच अलग थी /
आपने कौनसे रंग का चश्मा पहना है ?
जिस तरह काले रंग का चश्मा पहनने से आपको हर वस्तु काला और लाल रंग का चश्मा पहनने से आपको हर वस्तु लाल ही दिखाई देता है ठीक उसी प्रकार NEGATIVE सोचने से आपको अपने चारो ओर निराशा,दुःख और असंतुष्टि ही दिखाई देगा और POSITIVE सोचने से आपको अपने चारो ओर आशा,सुखी और संतुष्टि ही नजर आयगा /
तो readers यह आपपे निर्भर करता है की सकारात्मक ( POSITIVE ) चश्मे से इस दुनिया को देखते हो या नकारात्मक ( NEGATIVE ) चश्मे से / अगर आपने POSITIVE चश्मा पहना है तो आपको सभी व्यक्ति ढंग के ही लगेंगे और आप सभी व्यक्ति में कोई न कोई खूबी देख ही लोगे लेकिन अगर आपने NEGATIVE चश्मा पहना है तो आप बुराइयाँ खोजने वाले कीड़े बन जाओगे /
NEGATIVE THINKING को POSITIVE THINKING में कैसे सोचते है /
सकारात्मक ( POSITIVE ) की सुरुआत आशा और विश्वास से होती है / किसी जगह पर चारो और अँधेरा है / किसी जगह पे चारो ओर अँधेरा हो और कुछ भी दिखाई न दे रहा हो और वहाँ पे अगर आप एक दीप जला दोगे तो उस दीप में इतनी ताकत होगी की वह छोटा सा दीप चारो ओर फैले अँधेरे को एक पल में ख़त्म कर देगा / इसी प्रकार आशा की एक किरण सारे नकारात्मक ( NEGATIVE ) विचार को एक पल में मिटा देती है /
नकारात्मकता ( NEGATIVENESS )को नकारात्मकता ( NEGATIVENESS ) समाप्त नही कर सकती ,,नकारात्मकता को केवल सकारात्मकता ही समाप्त कर सकती है / तो readers जब कोई छोटा सा नकारात्मक विचार ( NEGATIVE THINKING ) आपके मन में आये उसे उसी पल सकारात्मक विचार ( POSITIVE THINKING ) में बदल दो /
उदाहरण के लिए मान लो की आप एक विद्यार्थी ( STUDENT ) हो और परीक्षा से 20 दिन ( DAYS ) पहले अचानक यह सोचते हो की आप इस बार परीक्षा में उत्तीर्ण ( PASSED ) नही हो पाओगे
/ तो आपके पास दो विकल्प होते है - या तो आप इस विचार को बार -बार सोचोगे और धीरे -धीरे नकारात्मक ( NEGATIVE ) पौधों का एक पेड़ उगने दो या उसी पल इस NEGATIVE विचार को POSITIVE विचार में बदल दो और सोचो की कोई बात नही अभी भी 20 दिन ( DAYS ) यानि की 480 घंटे ( HOURS ) है और उसमे से 240 घंटे ( HOURS ) पूरी दृढ संकल्प के साथ मेहनत करोगे तो आपको उत्तीर्ण होने से कोई कोई नही रोक सकता है / अगर आप NEGATIVE THINKING को POSITIVE THINKING में उसी पल बदल और अपने POSITIVE संकल्प को याद रखो तो निश्चित ही आप उत्तीर्ण ( PASSED ) होगे |
अंततः मै आप सभी readers को यह कहना चाहूँगा की / "सकारात्मक ( POSITIVE )सोचना या न सोचना यह आपके मन के नियंत्रण में होता है और आपका मन आपके नियंत्रण में होता है ,अगर आप अपने मन से नियंत्रण हटा लोगे तो मन अपनी मर्जी करेगा और आपको पता भी नही चलेगा की कब आपके मन में नकारात्मक पेड़ उग गए /
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