100 Mahatma Gandhi Quotes in Hindi महात्मा गाँधी प्रेरणादायक विचार
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दोस्तो आज के इस article में मैं बात करने वाला हूँ महात्मा गाँधी जो की एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश सेवा में लगा दिया। करोडों हिन्दुस्तानियों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा दी। महात्मा गाँधी को ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और 'राष्ट्रपिता' माना जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्तूबर 1869 ई. को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। दुनिया में महात्मा गांधी के आदर को इस बात से समझा जा सकता है कि जिस देश से भारत को आजादी दिलाने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी। सत्य और अहिंसा के रास्ते चलते हुए उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई।इस महान इन्सान को भारत में राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। आइये आज हम इस महान देशभक्त के अनमोल विचार जानते हैं। जो निश्चित तोर पर आपको प्रेरित करेगी ।
कर्म प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है।
ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है जब वो अच्छाई अस्थायी होती है और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है।
गरीबी दैवी अभिशाप नहीं बल्कि मानवरचित षडयन्त्र है।
भविष्य में क्या होगा, मै यह नहीं सोचना चाहता। मुझे वर्तमान की चिंता है। ईश्वर ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।
जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता। दुःख के बिना सुख नहीं होता।
मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारो और फोटोग्राफरों के। पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हसेंगे, फिर वो आप से लहड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।
थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।
पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो
भूल करने में पाप तो है ही, परन्तु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।
भगवान का कोई धर्म नहीं है।
व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नही अपितु उसके चरित्र से आंकी जाती है।
कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।
मै हिंदी के जरिये प्रांतीय भाषाओ को दबाना नहीं चाहता, किन्तु उनके साथ हिंदी को भी मिला देना चाहता हूं।
सारा हिन्दुस्तान गुलामी में घिरा हुआ नहीं है। जिन्होंने पश्चिमी शिक्षा पाई है और जो उसके पाश में फैंस गए हैं, वे ही गुलामी में घिरे हुए हैं।
मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।
पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।
जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो, उसे प्रेम से जीतें।
ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों।
चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि- मैं दुनिया में किसी से डरूंगा नहीं। मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा
भाव ना रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतुं और असत्य का विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ।
जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाएं हुए धन के बराबर है।
क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।
प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है। पूर्ण धारणा के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ”
से बेहतर है।
जहाँ प्रेम है वहां जीवन है।
हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।
जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।
अपनी बुद्धिमता को लेकर बेहद निश्चित होना बुद्धिमानी नहीं है। यह याद रखना चाहिए की ताकतवर भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान से भी बुद्धिमान गलती कर सकता है।
अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है।
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधना
मेरा जीवन मेरा सन्देश है।
जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है, वह सबके भीतर है।
निरंतर विकास जीवन का नियम है और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्थिति में पंहुचा देता है।
प्रार्थना मौँगना नहीं है। यह आत्मा की लालसा है। यह हर रोज अपनी कमजोरियों की स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना
में बिना वचनों के मन लगाना, वचन होते हुए मन ना लगाने से बेहतर है।
अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ़ कर देती
है।
तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।
जो लोग अपनी प्रशंसा के भूरे होते हैं, वे साबित करते हैं कि उनमें योग्यता नहीं है।
अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।
जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है। किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।
मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।
अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके मिलेंगे तो वे करोड़ो की लाज रखेंगे और उनमे प्राण फू केंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी यह मेरे लिए मधुर है।
आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं यह चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद
सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं। इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा,
आप नम्र तरीके से दुनिया को हिला सकते है।
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है।
आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर
सकते।
एक कायर प्यार का प्रदर्शन करने में असमर्थ होता है, प्रेम बहादुरों का विशेषाधिकार है।
एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है।
चिंता से अधिक कुछ और शरीर को इतना बर्बाद नहीं करता, और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यकीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा
होना चाहिए।
एक राष्ट्र की संस्कृति उसमे रहने वाले लोगो के दिलो में और आत्मा में रहती है।
काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।
जीवन की गति बढ़ाने के अलावा भी इसमें बहुत कुछ है।
पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तःकरण को उज्ज्वल करती हैं।
किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है।
कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।
कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।
किसी भी देश की संस्कृति उसके लोगों के हृदय और आत्मा में बसती है।
एक धर्म जो व्यावहारिक मामलों के कोई दिलचस्पी नहीं लेता है और उन्हें हल करने में कोई मदद नहीं करता है वह कोई धर्म नहीं है।
स्वयं को जानने का तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।
चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होनी चाहिए।
प्रार्थना या भजन जीभ से नहीं हृदय से होता है। इसी से गूंगे, तोतले और मूढ भी प्रार्थना कर सकते है।
विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।
प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमे सबसे नम्र है।
आप मानवता में विश्वास मत खोड़ए। मानवता समुद्र की तरह है, अगर समुद्र की कुछ बुँदे गन्दी हैं, तो समुद्र गन्दा नहीं हो जाता।
अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मूर्ख काम करने के बादा
लम्बे-लम्बे भाषणों से कही अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना।
दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिंवाय रोटी के रूप में।
अपने प्रयोजन में ट्रढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।
आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।
आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।
कोई ज्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।
गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्र में निहित है, ना कि उसे पाने में।
गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है। वह तो केवल अपनी ख़ुशी बिखेरता है। उसकी खुशबु ही उसका संदेश है।
जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है। इसके बारे में सोचो हमेशा।
सत्य से बड़ा तो ईश्वर भी नहीं।
हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म करे पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा
अन्य से कुछ अलग करने का प्रयास करे। सफलता निश्चित मिलेगी।
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